ऋषिकेश- उत्तराखण्ड में है एक ऐसा सैनिक स्कूल जहा हर तीसरा छात्र बना है सेना में अफसर
त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून – देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए देश भर में 24 सैनिक स्कूल चल रहे हैं। वहीं इन तमाम सैनिक स्कूलों में उत्तराखंड के घोड़ाखाल स्थित सैनिक स्कूल कुछ अलग और खास ही मुकाम रखता है। रक्षा मंत्रालय ने अपने विश्लेषण में पाया कि पिछले दस सालों में यहां से औसतन 33.4 प्रतिशत छात्र सेना में अफसर बने हैं, यानी इस स्कूल का हर तीन में एक छात्र सेना के तीनों अंगों में बतौर अफसर देश की सेवा कर रहा है। मंत्रालय के रिकॉर्ड के मुताबिक यह संख्या देश के किसी भी अन्य सैनिक स्कूल के मुकाबले सबसे ज्यादा है। रक्षा मंत्रालय ने एनडीए, नौसेना अकादमी या अन्य दूसरी सैन्य अकादमियों में पढ़कर अफसर बने सैनिक स्कूलों के छात्रों का ब्यौरा इकट्ठा कर दस साल का औसत निकाला है। इसमें सैनिक स्कूल घोड़ाखाल सबसे टॉप पर रहा है। वहीं दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश स्थित सुजानपुर तीरा सैनिक स्कूल रहा, जहां से औसतन 30.5 फीसदी छात्र सेना में अफसर चुने गए हैं।
मंत्रालय की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का कोरुकोडा सैनिक स्कूल रहा है, जहां के औसतन 24.3 फीसदी छात्र अफसर नियुक्त हुए। इसके बाद रीवा, सतारा और चितौड़गढ़ के सैनिक स्कूल का नाम है, जहां से बीते दस वर्षों में औसतन 19.1, 18.5 और 17 फीसदी छात्र सैन्य अधिकारी बने हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सैनिक स्कूलों का प्रदर्शन इस मामले में बेहद खराब रहा है। इनमें खराब रिकॉर्ड नगालैंड के पुंग्लवा सैनिक स्कूल का दिखा, जहां से महज एक प्रतिशत से भी कम छात्र सैन्य अफसर बने। वहीं भुवनेश्वर सैनिक स्कूल से 3.9, जम्मू-कश्मीर के नगरौटा से 4.7 फीसदी, कोडागु (कर्नाटक) सैनिक स्कूल से 5.3 फीसदी तथा गौलपारा (असम) से सिर्फ 5.9 छात्र सैन्य अफसर बने हैं।