ऋषिकेश- पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस के अवसर पर कांग्रेसियों ने किया गोष्ठी का आयोजन

त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश _ भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन तथा बाल दिवस के उपलक्ष में कांग्रेस कार्यालय में इनके जीवन पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसमे विधानसभा प्रभारी राजेश रस्तोगी ने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू का भारत निर्माण में क्या योगदान था।
पंडित नेहरू शुरू से ही गांधीजी से प्रभावित होकर अपना सबकुछ त्याग कर आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए, वे 1912 में कांग्रेस से जुड़े। 1920 में प्रतापगढ़ के पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय नेहरू जी को जाता है। 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध करते समय अंग्रेजों के अत्याचार से नेहरू जी घायल हुए और 1930 के नमक आंदोलन में गिरफ्तार कर लिए गए। उन्होंने अपने 6 माह जेल काटी। उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं इस दौरान वे 3355 दिन जेल मे बिताए। उन्होंने विश्वभ्रमण किया और अंतरराष्ट्रीय नायक के रूप में पहचाने गए। 1935 में अलमोड़ा जेल में ‘आत्मकथा’ लिखी। उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं। उन्होंने विश्वभ्रमण किया और अंतरराष्ट्रीय नायक के रूप में पहचाने गए। और साथ में ये भी जानकारी दी की ऋषिकेश में कल से होने जा रही भारत जोड़ो यात्रा के लिए त्रिवेणी घाट पर यज्ञ करके यात्रा को प्रारंभ की जाएगी। अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत व कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर राय रावत ने कहा जवाहर लाल नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है। आजादी के बाद भारत के लिए अंग्रेजों ने कुछ भी नहीं छोड़ा था। अंग्रेज जाते-जाते अपनी नापाक कूटनीति में कामयाब हो गए थे। भारत के टुकड़े कर दिए थे। देश का बहुत बुरा हाल था। खस्ताहाल और विभाजित भारत का फिर से निर्माण करना होई आसान काम नहीं था। नेहरू जी ने देश के लोगों को साथ लेकर इस देश को फिर से निर्माण करने में लग गए। बहुत सारे कठिनाइयों के बाद भी देश निरंतर विकास करता गया।‌ पंचवर्षीय योजना नेहरू जी की दूरदृष्टि का ही परिणाम था, जिसके नतीजा था कि देश का विकास सालों बाद मिला और वही आज की मौजूदा भाजपा सरकार सब कुछ बेचने में लगी हुई है, पूर्व विधायक प्रत्याशी जयेंद्र रमोला ने कहा
आजादी के बाद भारत में 1952 में पहली बार आम चुनाव हुए। आम चुनाव 1957 और 1962 में लगातार जीत के बाद भी उन्होंने विपक्ष को पूरा सम्मान दिया था। संसद में नेहरू जी विपक्षी नेताओं की बातों को ध्यान से सुनते थे‌, उनसे विचार विमर्श भी करते थे। 1963 में कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के विरोध के बावजूद भी उन्होंने सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराना मंज़ूर किया था। और अगर आज की मौजूदा मोदी सरकार विपक्ष को खत्म करना चाहती है प्रस्ताव तो दूर की बात यहां तो बात करने को तैयार नहीं। कार्यक्रम में
महिला कांग्रेस प्रदेश सचिव विमला रावत, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष इंद्र प्रकाश अग्रवाल, विजय पाल सिंह रावत, सरोज देवरानी, ललित मोहन मिश्रा, जितेंद्र पाल पाठी, रामकुमार भतालीय, चंदन सिंह पवार, कमलेश शर्मा , प्रदीप जैन,प्रवीण जाटव , अशोक शर्मा, मुकेश वत्स, सूरज भट्ट, सिंहराज पोसवाल ऋषि, राजेंद्र कोठारी, राजेंद्र गैरोला , सरोजिनी थपलियाल, जयपाल सिंह, रेनू नेगी, रवि जैन, एकांत गोयल, योगी, मनीष जाटव, सन्नी प्रजापति, रोशनी देवी, सावित्री देवी, योगेश शर्मा, संजय भारद्वाज, अभिषेक शर्मा, , यश अरोड़ा, आदित्य झा, मीडिया प्रभारी इमरान सैफी उपस्थित रहे।

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