ऋषिकेश- राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने किया 2001.94 करोड़ रूपये की 09 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून- राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का पहली बार उत्तराखण्ड आगमन पर मुख्यमंत्री आवास में नागरिक अभिनन्दन किया गया। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित गरिमापूर्ण कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने 2001.94 करोड़ रूपये की 09 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। राष्ट्रपति ने 528.35 करोड़ रूपये की 03 योजनाओं का लोकार्पण और 1473.59 करोड़ की 06 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उपस्थित रहे। राष्ट्रपति द्वारा लोकार्पित की गयी योजनाओं में 330.64 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान (मेडिकल कॉलेज) अल्मोड़ा, पिटकुल द्वारा हरिद्वार जनपद के पदार्था में 84 करोड़ रूपये की लागत से 132 के.वी. के आधुनिक तकनीक के बिजली घर एवं इससे संबंधित लाइन का निर्माण, जिला रूद्रप्रयाग में 113.71 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 4.5 मेगावाट की कालीगंगा-द्वितीय लघु जल विद्युत परियोजना शामिल हैं।
राष्ट्रपति द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 306 करोड़ रूपये की लागत से चीला पॉवर हाऊस 144 मेगावाट की योजना का रेनोवेशन कार्य, देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत 204.46 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड ऑफिस कॉम्पलेक्स ग्रीन बिल्डिंग का निमार्ण, 131 करोड़ रूपये की लागत से हरिद्वार के मंगलोर में 220 के.वी. सबस्टेशन, 750 करोड़ रूपये की लागत से देहरादून के मुख्य मार्गों की ओवर हेड एचटी एवं एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत किये जाने का कार्य, 32.93 करोड़ रूपये की लागत से राजकीय पॉलिटेक्निक नरेन्द्र नगर में दूसरे चरण का निर्माण कार्य और चंपावत के टनकपुर में 49.20 करोड़ रूपये की लागत से आधुनिक अन्तर्राज्यीय बस टर्मिनल का शिलान्यास शामिल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति को कंडाली के रेशों से बनी हुई शॉल भेंट की। इस शॉल पर उत्तराखण्ड की प्राचीन लोककला शैली थापे को उकेरा गया है। साथ ही राष्ट्रपति को उत्तराखंड की लोक कला शैली थापे और ऐपण के मिश्रण से तैयार स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने कहा कि देव-भूमि, तपोभूमि और वीर-भूमि उत्तराखंड में आना, मैं अपना सौभाग्य मानती हूं। हिमालय को महाकवि कालिदास ने ‘देवात्मा’ कहा है। राष्ट्रपति के रूप में, हिमालय के आंगन, उत्तराखंड में, आप सब के अतिथि-सत्कार का उपहार प्राप्त करके, मैं स्वयं को कृतार्थ मानती हूं। राष्ट्रपति ने अभिनंदन-समारोह के उत्साह-पूर्ण आयोजन के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उत्तराखंडवासियों को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा राष्ट्रपति का अत्यंत कठिन जीवन संघर्ष, अदम्य साहस और प्रेरणास्पद राजनीतिक यात्रा प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है। उनकी जीवन यात्रा हम सबके लिए इसलिए भी प्रेरणादायी है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में आई समस्त कठिनाइयों को ही अपनी शक्ति बनाकर जीवन सफर में विजय प्राप्त की। वे भारतवर्ष के समस्त नागरिकों विशेष रूप से गरीबों, शोषितों और वंचितों के लिए आशा की किरण हैं। हर संकट का सामना आपने पूरी दृढ़ता से किया। राष्ट्रपति जी सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण का जीता जागता प्रतीक हैं। अपने जीवन में सदा ‘कर्म प्रधान विश्व करी राखा‘ के सिद्धांत को सर्वोपरि माना और विकट परिस्थितियों में भी अपने विनम्रतापूर्ण आचरण को बनाए रखा।