ऋषिकेश- बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में आया संत समाज
त्रिवेणी न्यूज 24
ऋषिकेश-बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में आया संत समाज बोले सनातन धर्म को बिखंडन करने वाले राक्षस प्रवर्ति के लोगों का षड़यंत्र है जो उन पर सवाल उठा रहे हैं।
संत समाज अखिल भारतीय संत समिति, वैष्णव मंडल संत समाज उनके साथ खड़ा है। मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम के सेवादार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के सनातन धर्म के लिए जो काम कर रहे हैं उस पर कई लोगों ने सवाल उठाये हैं। कोई अंधविश्वास कहता है तो कोई कुछ और देश भर का मीडिया जमावड़ा वहां लगा रहा। मीडिया खुद हैरान था आखिर ऐसे पंडित धीरेन्द्र शास्त्री उस ब्यक्ति के आने से पहले ही अपने पर्चे में लिख देते हैं। उसकी क्या समस्या है. समस्या निवारण का समय भी बताते हैं। उनका कहना है मैं किसी से एक रुपैया नहीं लेता हूँ. सनातन धर्म की बात करता हूँ.अपने गुरुजनों का आशीर्वाद से जो मुझे महसूस, आह्वान, प्रेरणा मिलती है उसको आपके सामने बताता हूँ। पंडित शास्त्री केवल 26 वर्ष के युवा हैं. उनके दरबार में अर्जी लगती है। लाखों लोग उनके दरबार में पहुँचते हैं। ऐसे में अब तीर्थ नगरी ऋषिकेश से उनके समर्थन में संत समाज खुलकर आने लगा है। संतों का कहना है कि युवा संत की निष्ठा,सेवा समर्पण अद्भुत है। वह गुरु पम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं तो क्या गलत कर रहे हैं। माता पिता गौ सेवा करने को कह रहे हैं तो क्या गलत कर रहे हैं। ऋषिकेश से संत समाज अखिल भारतीय संत समिति और विरक्त वैष्णव मंडल संत समाज उनके साथ खड़ा है। दूसरे अलग अलग सम्प्रदायों के लोग जो अपने धर्म को उच्च श्रेणी का बता रहे हैं उनसे पूछा जाए आपका धर्म पहले आया था या सनातन धर्म. सनातन धर्म युगों युगों से है।पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि पांच लाख लोग उनके दरबार में आ रहे हैं कुछ न कुछ तो है. शक्ति तो है ही. हमारे हनुमान जी को चुनौती दे रहे हो. हमारा सनातन धर्म युगों-युगों से है और रहेगा। प
आज सनातन धर्म का लोहा इस कलयुग में भी देखने को मिल रहा है। पूरा संत समाज उनके साथ खड़ा है। इस अवसर पर तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ,अंतरराष्ट्रीय वैदिक फाउंडेशन हिमालया योगालय आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी शंकर तिलक महाराज ,विरक्त वैष्णो मंडल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास, साध्वी स्वतंत्रता चैतन्य ,गौरी चैतन्य ,ऊमाया चैतन्य ,बुद्धा चैतन्य आदि लोग उपस्थित थे।