ऋषिकेश- कॉर्बेट टाइगर सफारी मामले में ED खंगाल रही है पूर्व वन मंत्री की पूरी कुंडली

त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून _ कार्बेट टाइगर रिजर्व के भीतर पाखरौ में टाइगर सफारी निर्माण मामले में हुई गड़बड़ी की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जांच की आंच में अब वन विभाग के और भी कई अफसर झुलसने वाले हैं। जांच का आधार बनेगा ईडी का वो लेटर जो उसने वन विभाग की कैंपा यूनिट को भेजा है। पाखरौ टाइगर सफारी मामले में गड़बड़ियों की परत दर परत खुलती जा रही है। मामले को लेकर नई जानकारी ये है कि कार्बेट टाइगर सफारी के निर्माण की आड़ में जो अन्य निर्माण कार्य किए गए, उसमें कैंपा के 5 करोड़ 56 लाख रूपए भी शामिल है। जिनमें से कालागढ़ टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डीएफओ ने एक करोड 70 लाख रूपए जंगलों की सुरक्षा के बजाए नियम विरूद्व एसी, फ्रीज आदि खरीदने पर लुटा दिए।
जब किसी वन भूमि को विकास कार्यों के लिए अन्य विभाग को दिया जाता है, तो उसके मुआवजे के रूप में संबंधित विभाग निर्धारित रकम देता है, जो कैंपा फंड में जमा होती है। टाइगर सफारी के इस पूरे प्रकरण में इन पैसों का जमकर दुरूपयोग किया गया। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सफारी मामले की जांच कर रही ईडी ने अब सीईओ कैंपा को मेल भेजा है। ईडी के डिप्टी डायरेक्टर राजीव जैन द्वारा भेजे गए इस मेल में कुछ बिंदुओं पर प्राथमिकता के आधार पर डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी गई है।

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