ऋषिकेश- उत्तराखंड के 47 केंद्रीय विधालयों मे नये सत्र के पंजीकरण का कार्य प्रारंभ
त्रिवेणी न्यूज 24
देहरादून – केंद्रीय विद्यालयों (KV) में नए सत्र के लिए पंजीकरण आज से शुरू हो गये हैं। प्रदेशभर के 47 केंद्रीय विद्यालयों में करीब 3,200 सीटें हैं। पहली कक्षा में दाखिले के लिए केवल ऑनलाइन माध्यम से ही पंजीकरण कराया जा सकेगा। वहीं कक्षा 02 से ऊपर की कक्षाओं के लिए 08 अप्रैल से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से पंजीकरण करवाया जा सकता है।
महत्वपूर्ण तिथियां –
पहली कक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण : 01 अप्रैल से 19 अप्रैल तक
कक्षा दो से ऊपर पंजीकरण शुरू होने की तिथि : 08 अप्रैल से 15 अप्रैल तक
कक्षा एक की पहली एडमिशन लिस्ट जारी होने की तिथि : 23 अप्रैल
कक्षा एक की दूसरी एडमिशन लिस्ट जारी होने की तिथि: 30 अप्रैल
कक्षा एक की तीसरी एडमिशन लिस्ट जारी होने की तिथि: 05 मई
केवी दून संभाग की उपायुक्त मीनाक्षी जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि, दून के 11 केवी की 1160 सीटों पर दाखिले का मौका मिलेगा। छात्र और अभिभावकों को कम से कम स्कूल आना पड़े और कोरोना के मानकों का पूरा ध्यान रखा जाए, इसके निर्देश भी स्कूलों को दे दिए गए हैं। साथ ही हर स्कूल ने अपना एक हेल्प डेस्क भी तैयार किया है। हेल्पलाइन नंबर स्कूल की वेबसाइट से लिया जा सकता है। अभिभावक कोई भी समस्या होने पर हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं।
दून के किस केवि में कितनी सीटें
ओएफडी – 120
ओएलएफ – 80
आइआइपी – 80
आइटीबीपी – 120
ओएनजीसी – 80
एफआरआइ – 80
आइएमए – 160
बीरपुर – 120
अपर कैंप – 120
हाथी बड़कला 1 – 120
हाथी बड़कला 2 – 80
दाखिला दिलाने के लिए देने होंगे यह कागज
कक्षा एक में बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए आयु के प्रमाण के लिए बर्थ सर्टिफिकेट, पते का प्रमाण, केंद्रीय, राज्य विभाग में कार्यरत हैं तो उसका भी प्रमाण देना होगा। ट्रांसफर के मामले की जानकारी भी विभाग के लेटर हेड पर देनी होगी।
दूरी का नियम –
एक सीट पर ज्यादा दावेदार होने की सूरत में केंद्रीय विद्यालय के निकटतम दावेदार को वरीयता दी जाएगी।
उम्र का नियम –
इसके तहत एक सीट पर एक से ज्यादा दावेदार होने पर उस अभ्यर्थी को वरीयता दी जाएगी, जो कि प्रमाण पत्रों में दी गई जन्मतिथि के मुताबिक ज्यादा उम्र का होगा।
इकलौती कन्या संतान नियम – इसके तहत हर केंद्रीय विद्यालय में दो सीटें उन बच्चों के लिए आरक्षित रखी जाती हैं, जो कि अभिभावकों की इकलौती कन्या संतान हों। इसका लाभ लेने के लिए अभिभावकों को शपथ पत्र देना होगा।