उत्तराखंड जन विकास मंच ने AIIMS में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की CBI जांच की करी मांग
ऋषिकेश। उत्तराखंड जन विकास मंच द्वारा एम्स मेंं की गई, नियुक्तियों की जांच सीबीआई से करवाये जाने के साथ प्रशासन की कारगुजारी के विरोध में आंदोलन किए जाने का ऐलान किया है ।उत्तराखंड जन विकास के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने सोमवार को बाबा काली कमली धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एम्स प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा, कि उत्तराखंड के बेरोजगार ,आंदोलनकारियों जो कि एम्स प्रशासन की हठधर्मिता , के साथ तानाशाही पूर्ण रवैया तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठा रहे थे ।उनकी आवाज को दबाने के लिए उन युवाओं पर एम्स संस्थान व निदेशक द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है ।जबकि एम्स प्रशासन अपनी स्थापना से ही नियुक्तियों में धांधली और भ्रष्टाचार के चलते सुर्खियों में रहा है। जिसके विरोध स्वरूप एम्स की कार्यप्रणाली को लेकर विभिन्न संगठनों की अगुवाई में कई आंदोलन भी किए गए, जिसके बाद उन पर समझौता भी हुआ। समझौते के पश्चात एम्स प्रशासन द्वारा स्थानीय युवाओं को अन्य राज्यों के प्रतियोगी उम्मीदवारों की स्पर्धा में मुफ्त कोचिंग तक मुहैया करवाने की बात कही गई थी। लेकिन आंदोलन के लगभग 1 वर्ष बाद आंदोलनरत रहे, युवाओं पर मुकदमा दायर किया जाना प्रशासन की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है ।आशुतोश शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, कि विधानसभा अध्यक्ष व नगर महापौर की मौजूदगी में भी कराए गए समझोते का एम्स प्रशासन लगातार अपमान कर रहा है ।उत्तराखंड जन विकास मंच से ऐसे सभी मुकदमों को अविलंब वापस लिए जाने की मांग करता है। अआशुतोष शर्मा ने कहा,कि एम्स में हुई नियुक्तियों के संदर्भ में आम जनमानस तथा प्रतियोगी उम्मीदवारों में यह धारणा बनी हैै कि एम्स में चाहे आउटसोर्सिंग, संविदा की नौकरी हो , बिना धन दिए यह नियुक्ति नहीं मिल सकती। जिसे लेकर नियुक्तियों में भ्रम व गड़बड़ी की आशंका के चलते निदेशक द्वारा भी आशंका व्यक्त की गई है ।जिसके चलते उत्तराखंड विकास मोर्चा सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग करता है ।आशुतोष शर्मा ने यह भी कहा, कि एम्स प्रशासन व विकास मंच के मध्य हुए समझौते के बाद उत्तराखंड के स्थाई व मूल निवासियों को आवेदन शुल्क में 50% छूट हर वर्ग के प्रतियोगियों को दिए जाने की बात कही गई थी। यह भी एक प्रकार का आरक्षण ही है, जिससे अतिरिक्त हिमालय व आपदा प्रभावित राज्य होने के आधार पर उत्तराखंड के अभ्ययर्थियो को आउटसोर्स से लेकर स्थाई नियुक्तियों में आरक्षण का लाभ केंद्र सरकार से मिलना चाहिए, आशुतोष शर्मा ने यह भी कहा कि एम्स के निदेशक का पद सर्वोच्च स्तत पर है। जिस पर उत्तराखंड के व्यक्ति की ही नियुक्ति होनी चाहिए । उन्होंने एम्स ऋषिकेश में पार्किंग शुल्क के नाम पर रोगी तथा उनके साथ आने वाले तीमारदार से बार बार वाहन पार्किंग के नाम पर वसूले जा रहे शुल्क का भी विरोध किया है, उनका कहना था कि इन मांगों को लेकर जनमोर्चा प्रशासन के खिलाफ शीघ्र आंदोलन करेगा। पत्रकार वार्ता में संयुक्त रोटेशन के पूर्व अध्यक्ष सुधीर राय, विनोद शर्मा, राजेश व्यास, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, राजेंद्र गैरोला, राजेश बर्थवाल, संतोष सिंह भी मौजूद थे।