अखिल भारतीय संत समिति एवं वैदिक ब्राह्मण महासभा ने निगम महापौर का किया अभिनन्दन

ऋषिकेश। योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के नाम उत्तराखंड की द्वितीय भाषा संस्कृत की बजाय उर्दू में लिखे जाने की उपेक्षा करते हुए महापौर श्रीमती अनीता मंमगाई जी ने संस्कृत में लिखे जाने की पहल को अखिल भारतीय संत समिति( रजि) एवं वैदिक ब्राह्मण महासभा ने महापौर का आभार प्रकट किया। आज नगर निगम में अखिल भारतीय संत समिति एवं वैदिक ब्राह्मण महासभा ने निगम महापौर श्रीमती अनीता ममगाईं जी का आभार जताते हुए कहा कि योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का नाम उर्दू में ना लिखकर उसे संस्कृत भाषा में लिखवाने का जो कार्य महापौर ने किया है, वह हम समस्त उत्तराखंड वासियों के लिए बड़े गर्व की बात है। पंडित रवि शास्त्री ने बताया कि योग नगरी ऋषिकेश के रेलवे स्टेशन का नाम संस्कृत भाषा में लिखने पर सभी संत महात्माओं एवं संस्कृत विद्यालय क्षेत्रीय आश्रम ने हर्ष जताया यह उत्तराखंड ही नहीं पूरे विश्व में योग नगरी के नाम से सुप्रसिद्ध है और यह नगरी ऋषि यों की नगरी रही है और यहां देवता गण वास करते हैं इसलिए इस नगरी का संस्कृत में नाम होना अति आवश्यक है। निगम महापौर श्रीमती अनीता ममंगाई ने इस मुहिम को आगे बढ़ाया है, जिस पर समस्त क्षेत्र की जनता उनका आभार प्रकट करती है। इस अवसर पर अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर ईश्वर दास जी महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के संरक्षक जगतगुरु रामानुजाचार्य उत्तराखंड पीठाधीश्वर कृष्ण आचार्य महाराज, महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के सचिव महामंडलेश्वर डॉक्टर रामेश्वर दास महाराज, डॉक्टर नारायण दास महाराज, स्वामी कृपालु दास महाराज, सुरेश दास महाराज, पंडित रवि शास्त्री, वैदिक ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष गंगाराम व्यास, उपाध्यक्ष जगमोहन मिश्रा, महासचिव मणी राम पैन्यूली, जनार्दन कैरवान, अभिषेक शमा, राम चौबे, अनिल रमोला, दक्ष नौटियाल, अमरनाथ शास्त्री, आदित्य नौटियाल आदि उपस्थित थे।

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